स्त्री

प्रायः अपहरण के बाद महिला को पीटकर व अधमरी कर दुष्कर्म होता है। समान अवसर मिले, तो महिला, पुरुष पर भारी पड़ सकती है। सिमॉन द बुआ के लेखों में स्त्री को पुरुष से अधिक ताकतवर माना गया है। एक लेख में कहती हैं कि जब स्त्री, बुर्जुआ प्रसाधनों को ठुकराकर अपने मूल स्वरूप में सामने आती है, तब पुरुषों की टांगे कांपने लगती हैं। नारी देह के स्वाभाविक ताप को वह सहन नहीं कर पाता। हमारे दोहरे मानदंड सामाजिक व्यवहार में स्पष्ट दिखते है।

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