बलात्कार
अगर हम संवेदनशील है तो खबर हमें स्पर्श करती है अन्यथा हम खबर पढ़ कर यही प्रतिक्रिया करते है कि उफ, फिर वही बलात्कार की खबर?
बलात्कार एक ऐसा शब्द जो हिंसा से भरा हुआ है
इसे सुनते ही मन मे क्रोध उपजता है।
स्त्री शरीर जिसे सभी पुरुष पाना चाहते है।
पर इसके लिए झुकता कोई नहीं।
ईश्वर ने नर और नारी की शारीरिक संरचना भिन्न इसलिए बनाई कि संसार आगे बढ़ सके न कि संसार एक को कुचल आगे बढ़े।
बलात्कार के 80 प्रतिशत मामले घर की चार दीवारी में ही घटित होते है। ये आंकड़े हमें कभी उपलब्ध ही नहीं हो पाते क्योंकि इसकी चीखे घर में ही दब कर मर जाती है।
बलात्कार झुग्गी- झोपड़ियों में ही नहीं बल्कि अच्छे घरो में भी होते है।
बलात्कार एक विकृत मानसिकता का नशा है।
बलात्कार की हर घटना एक बच्ची या महिला के साथ उसके पूरे परिवार का जीवन तबाह कर देती है।
बलात्कार का सबसे बड़ा कारण पुरुषों की मानसिक दुर्बलता--
स्त्री देह को लेकर बने सस्ते चुटकुलें, छिछोरी गपशप, इंटरनेट पर परोसे जाने वाले घटिया फोटो, बेहुदा कमेंट, पोर्न फिल्में, और फिर उत्तेजक किताबें, पुरुषों की मानसिकता को दुर्बल कर देती है और वो उत्तेजना में अपनी मर्यादाएं भूल बैठता है, और यही बलात्कार की वजह बनता है।
नशा भी बलात्कार की वजह है, नशे में हर स्त्री उसे
नशा ही लगती है।
एकांत में मवालियों का अड्डा भी बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की जड़ है।
लचर कानून व्यस्था, डर की कमी, अपराधी अपराध करने से पहले ही जानता है कि ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ेगा उसका और वो आराम से साहसी बन कुकर्म करता है।
देश मे लगभग हर 20 मिनट में एक महिला का बलात्कार होता है। जहाँ स्त्रियां पूजी जाती है, वहीं
थाली में परोसी जाने वाली मांस की बोटी भी नजर आती है।
यौन हिंसा करने वाले हर व्यक्ति का अतीत किसी न किसी रूप में हिंसक रहा है। या तो वो खुद यौन शोषण का शिकार हुआ है या फिर उसने किसी और को शिकार होते हुए देखा है।
मानस फाउंडेशन के एक मनोवैज्ञानिक नवीन कुमार का कहना है- 'कि ये ज्यादातर निष्क्रिय या टूटे परिवारों का हिस्सा होते है। भारतीय समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा होते है रिश्तेदार, जो इनके जीवन में नहीं है। अगर यहाँ का बच्चा या किशोर चार घँटे या चार दिन के लिए भी गयाब है, तो उससे पूछने वाला कोई नहीं कि वो कहाँ था, क्या कर रहा था।
बलात्कार सबसे घिनौने किस्म कर जुर्मों में गिना जाता है और इसकी सजा उम्रकैद या फांसी भी हो सकती है।
बस शर्त है ये पुलिस रिकार्ड में दर्ज हो?
बलात्कारियों में गम्भीर सज़ा का डर होना अनिवार्य है। तभी इस पर लगाम लगाई जा सकती है।

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